Dev Uthani Ekadashi 2025, जिसे Prabodhini Ekadashi या Devotthan Ekadashi भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है। इस दिन भगवान विष्णु चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं, और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। यह पर्व आध्यात्मिक जागरण, धार्मिक अनुशासन और परिवार में सुख-शांति लाने वाला दिन माना जाता है।
📅 Dev Uthani Ekadashi 2025 Date and Time
- तिथि: 1 नवम्बर 2025, शनिवार
- एकादशी आरंभ: 31 अक्टूबर 2025 को रात 10:04 बजे
- एकादशी समाप्त: 1 नवम्बर 2025 को रात 08:19 बजे
- पारण मुहूर्त: 2 नवम्बर 2025, प्रातः 06:36 बजे से 08:56 बजे तक
🙏 Significance of Dev Uthani Ekadashi
देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं। इस दिन से विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण आदि शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। यह दिन पापों से मुक्ति, आध्यात्मिक उत्थान और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त करने का अवसर होता है। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की उपासना से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
📜 Dev Uthani Ekadashi Story
पौराणिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले गए थे और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागे। इस चार माह की अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते। देव उठनी एकादशी को भगवान विष्णु जागते हैं और पृथ्वी पर फिर से धर्म की स्थापना प्रारंभ होती है। इस दिन को लेकर कई धार्मिक कथाएं प्रचलित हैं जो दर्शाती हैं कि यह दिन आध्यात्मिक परिवर्तन का प्रतीक है।
🪔 Dev Uthani Ekadashi Vrat Vidhi (How to observe Ekadashi fast)
- प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
- पंचामृत से स्नान कराकर भगवान को पीले पुष्प, तुलसी पत्र, धूप-दीप, फल आदि अर्पित करें।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
- दिनभर उपवास रखें – फलाहार या निर्जला व्रत।
- रात्रि जागरण करें और अगले दिन पारण के समय व्रत का समापन करें।
💞 Tulsi Vivah 2025
देव उठनी एकादशी के दिन Tulsi Vivah की परंपरा निभाई जाती है। यह विवाह शालिग्राम (भगवान विष्णु का प्रतीक) और तुलसी (माता लक्ष्मी का रूप) के बीच संपन्न होता है। इस दिन विवाह योग्य कन्याओं को सुहाग की वस्तुएं दान करना विशेष फलदायक माना गया है। तुलसी विवाह का आयोजन घर में करने से वैवाहिक सुख, संतान प्राप्ति और घर में मंगल का वातावरण बना रहता है।
✅ Ekadashi Do’s and Don’ts
क्या करें:
- उपवास रखें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
- तुलसी विवाह कराएं और गरीबों को अन्न-दान दें।
- आध्यात्मिक ग्रंथों का पठन करें, जैसे भगवद्गीता और विष्णु सहस्रनाम।
क्या न करें:
- प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा का सेवन न करें।
- झूठ, गाली-गलौज और क्रोध से दूर रहें।
- दिन में सोने से बचें और रात्रि में जागरण करें।
📚 Dev Uthani Ekadashi and Chaturmas
चातुर्मास की समाप्ति के साथ ही धर्मिक जीवन में नयापन आता है। ऋषि-मुनि भी इस दिन से अपने प्रवचन और यज्ञ पुनः आरंभ करते हैं। समाज में सकारात्मकता और धार्मिकता का प्रसार होता है।
📖 Dev Uthani Ekadashi in Scriptures
पद्म पुराण और स्कंद पुराण में देव उठनी एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। इसे पुण्य और मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी कहा गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से समस्त दोष नष्ट होते हैं।
🌏 Regional Celebrations of Dev Uthani Ekadashi
भारत के विभिन्न राज्यों में इस पर्व को भिन्न-भिन्न रूपों में मनाया जाता है:
- महाराष्ट्र: पंढरपुर में विशेष यात्रा निकलती है।
- उत्तर प्रदेश: मथुरा-वृंदावन में Tulsi Vivah धूमधाम से होता है।
- बिहार: महिलाएं विशेष व्रत और गीतों के साथ इस दिन को मनाती हैं।
🔚 निष्कर्ष (Conclusion)
Dev Uthani Ekadashi 2025 एक ऐसा पावन अवसर है जो धर्म, भक्ति और पुनः प्रारंभ का प्रतीक है। यह दिन हमें अपने जीवन में शुभ कार्यों की शुरुआत करने और भगवान विष्णु की शरण में जाने की प्रेरणा देता है।
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